Tuesday, May 4, 2010

मेरे जीवन में आयी है मेरी नयी कविता

This poem is For 1 kavita who is somwhere & the Other kavitha ( see the Difference of H) who is here & finally 3 my collections of all 150 poems written by me. All Together makes MERE JEEVAN KI Kavithaya
कवी का जीवन क्या है कविथाया
यिक कविता चली गयी थी , यिक कविता आ गए है
जीवन से चले जाने वाली कवित फिर से aइए है
जीवन से आता साल पहले चले जाने वाले कविता, फिर से नया रूप ले कर आयी है
एक कानपूर के थी, एक मंगलौर के
एक बार बार राम राम कहते थे, एक पूजा नहीं करते
यिक को शिखायअ गया था hआठ जोड़ने की कला, aइक कहते है pएयर बहार निकाल के मत खेल
This is badminton- Dont give any loose points
कवी को समझे
हर कविता के भाव, भावना, कद , काठी, और शबद्वाली अलह अलग होते है
अतातु सबका मतलब यिक हें होता है
मैरे जीवन में भी आ चुकी नए कविता अनोखी है
वोह mएरे सब कविथाओ के कविता है
हिंदी ऐसे बोलते है, जैसे अँधा rअसता बार बार पूछे
वोह हिंदी बोलती नहीं, हिंदी को हेंई का जाती है
और उसके सामने tओह हिंदी को भी लाज आ जाते है
और ऐसे सब्द्वाले निकलते है, जैसे राष्ट्र भाषा उसके हें दीं है
वर्णन देखे
एक कनूर के, एक मंगलौर के
दोनों कविथाओ में कितना फर्क है
यिक कविता दिशा pउचा kआरती थे, यिक कविता देशा देखते हें
भवनों को समझे
यिक मंदिर ले कर जाते है, यिक गिरजाघर के दरवाजो पे चोर जाते है
यिक वोह डरते थे सभ्यता का भूत से, मैरे ये कविता टोह सभ्यता का मजाक उरते है
यिक कविता अपनों को चोर गयी, अपनों के लिए
मैरे यह कविता अपने हें पते को चोर गयी ,अपने मंजिल के लिए
TO BE Continued------------ Mere jeevan me aiyee hue mere nayee kavitha
कवी- परवीन अल्लाहबदी & महक सुल्ताना
( there can be thousands of mehek sultana)

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