Sunday, April 25, 2010

मुझे तो सिर्फ गुलज़ार ने मारा


किस्से को सब्नम ने मारा, किसे को खुसबू ने मारा
किस्से को हमदम ने मारा, किस्से को दिलरुबा ने मारा
मुझे तो सिर्फ गुलज़ार ने मारा
एय ओ गुलज़ार, मुझे भी अपनी गोद में उथले
यहाँ हर यिक मोर पे यिक गुलज़ार घूमते है
यहाँ हर Aइक मोर पे यिक गुलज़ार घुमते है
फर्क सिर्फ इतने है के, उनमे से सिर्फ कुछ ही गुलज़ार बनते है
फर्क सिर्फ इतना है के, उनमे से कुछ हे गुलज़ार बनते है
एय यह जावेद( आप के बार में मैं कोई तिपर्ने नाही करना चहेता उतने मेरे औकात नहीं है
तेरे हर नगमो से , तेरे अबू के महक(महक सुल्ताना) हे क्यों आती है,
कही ऐसा तो नहीं तुने अपने अबू के नगमे चुरायो हो
Aइत्य पे pअदा वोह नगमे उठाओ हो, बहिन ने जो लिख के दिया उसे गया हो( मुझे mअलूम है आप gआता नहीं है)
पता था मुझे , तेरे को cहधना के लिया बैसेखैयी मिलते गयी
कभी अबू का साथ रहा, और जब नहीं रहा अबू , तवो ससुर का हाथ
उनकी तारीफ क्या करू, जिनको खुदाई खुद खोज रहे थी
तेरे को दो कंधे या बिअसेख्यी मिले ,Cहर्धना के लिया, mएरे पास क्या है उतारना के लिया
अगर तू शायर है तो मुझसे बात कर, वक़्त और हालात दोनों का मारा हूँ
देख साथ साथ पैग पीकेके भी खरा है इस दुनिया में जीना के लिया
इस दाल रोटी के चक्कर में , मेरे शायरी मारी
अगर तू मुझसे भी बड़ा शायर है तोह , मुझसे aआकार मिल,
मेरे सरे नगमे लेकर जा, wओह तेरे hइ काम आयेगी
मुझे नहीं जीना यिस ख़ाक नसे दुनिया में,
मुझे सिखने वाला कौं है
कसम अल्लाह के, जब कब्र में भी जयूंगे तो तुमको ही याद फर्मयूंगे( महक सुल्ताना)
जावेद मुझसे भी बड़ा कोई शायर है क्या??????????????????
पूरी शायरी मेरे अंदर हे है,
यिक मुस्लमान, कई हिन्दू, यिक eएचैयी, और यिक सीख
अख्तर तू मेरे शेयर नगमे रख ले, यह सब तेरे हे काम आयेंगे
और अगर जरूरत पड़ी, तो मैं उस महक से अपने आप को मेहेका लूँगा
कोय्की मुझे सिर्फ गुलज़ार ने मारा
कल को मैं मर गया महक, तोह उस गुलज़ार को याद कर लेना
मैं तेरे पास अपने आप चला आयोन्गे,nअही तेरे शाव्हर को पता क हल जायेगा
अल्लाह के दरबार में मिलेंगे- आमीन
शायर- परवीन अल्लाहबादी एय महक सुल्ताना

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